सदन संचालन नियमावली का हो रहा उलंधनः आर्य
तानाशाही रवैया के चलते विपक्षी विधायकों के आवाज को दबाना चाहती है
देहरादून। Yashpal Arya and Pritam Singh resigned from Business Advisory Committee उत्तराखंड विधानसभा सत्र के पहले दिन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद शाम को बुलाई गई कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भारी हंगामा हो गया, जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और विपक्षी विधायक प्रीतम सिंह ने कार्य मंत्रणा समिति की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक बुलाई गई। बैठक में सदन की कार्यवाही को लेकर चर्चा हुई। सदन की कार्यवाही को लेकर बहस के बाद नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और विपक्षी विधायक प्रीतम सिंह ने कार्य मंत्रणा समिति की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और दोनों नेता बैठक से बाहर निकल आये।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा सदन की कार्यवाही नियमों से संचालित होती है। उत्तराखंड की कार्य संचालन नियमावली है। उसकी अनदेखी लगातार भारतीय जनता पार्टी की वर्तमान सरकार कर रही है। सरकार कल जो यूसीसी विधेयक सदन के पटल पर रखने जा रही है, उसके अध्ययन को लेकर लगातार विपक्ष समय मांग रहा है, जिससे विपक्ष के विधायक यूसीसी पर होने वाली चर्चा में भाग ले सकें, लेकिन सरकार अपने संख्या बल के आधार पर कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में भी दबाव बनाती है। उनका कहना है कि कल सुबह सदन के पटल पर यूसीसी विधेयक को पेश करेगी, उसके बाद चर्चा करेगी।
नेताप्रति पक्ष ने कहा भाजपा सरकार लोकतंत्र को नहीं समझ रही है, लिहाजा भाजपा सरकार संवैधानिक मूल्यों की हत्या कर रही है। भाजपा संख्या बल के आधार पर कार्य संचालन नियमावली और विधानसभा की परंपराओं की अनदेखी कर रही है, जो विपक्ष को स्वीकार नहीं है।
कार्य मंत्रणा समिति की बैठक के दौरान विपक्ष ने इस बात को कहा कि 6 फरवरी की दोपहर के बाद सदन के पटल पर यूसीसी विधेयक को रखा जाए, उसके बाद 7 फरवरी को इस पर चर्चा होनी चाहिए। जिससे अध्ययन करने का समय मिल सके, लेकिन भाजपा तानाशाही रवैया के चलते विपक्षी विधायकों के आवाज को दबाना चाहती है। ऐसे में मंत्रणा समिति की बैठकों का कोई औचित्य नहीं है।
इस्तीफा क्यों दिया पता नही, आज ही सदन के पटल पर रखा जाएगा यूसीसीः स्पीकर
उत्तराखण्ड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होने कहा कि विपक्षी नेताओं ने इस्तीफा क्यों दिया उस पर वो कुछ नहीं कह सकती है। उन्होंने बताया की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई, जिसमें काफी देर तक चर्चा हुई है। उसमे सदन की कार्यवाही को लेकर तमाम निर्णय लिए गए हैं।
जिसके तहत 6 फरवरी की सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही समान नागरिक संहिता विधेयक को सदन के पटल पर रखा जाएगा, इसके बाद फिर यूसीसी पर चर्चा शुरू हो जाएगी। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा समान नागरिक संहिता विधेयक पर ना सिर्फ उत्तराखंड की जनता बल्कि पूरे देश के लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं।
वहीं, कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि यूसीसी विधेयक और राज्य आंदोलनकारियो के 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण का लाभ दिए जाने संबंधित रिपोर्ट जो प्रवर समिति ने सौंपी थी, उसको सदन के पटल पर रखा जाएगा। इस बार सदन की कार्यवाही के दौरान प्रश्नकाल भी नहीं होगा, जिसकी मुख्य वजह यही है कि सरकार चाहती है कि यूसीसी पर बेहतर ढंग से चर्चा की जाये।