Home Uttarakhand Dehradun विशेष सत्र के पहले दिन दिवंगत पूर्व सदस्यों को दी गई श्रद्धांजलि

विशेष सत्र के पहले दिन दिवंगत पूर्व सदस्यों को दी गई श्रद्धांजलि

विशेष सत्र के पहले दिन दिवंगत पूर्व सदस्यों को दी गई श्रद्धांजलि

देहरादून। Tribute paid to deceased former members उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन पूर्व दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गई। पहले दिन सदन की कार्यवाही के दौरान निधन पर शोक संदेश दिया गया है। इसके बाद सदन की कार्रवाई 6 फरवरी सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी है। इससे पहले एक सीटिंग और 5 पूर्व विधायकों के निधन का संदेश पढ़ा गया।

हाल ही में 6 नेताओं का निधन हुआ है, इसमें एक सीटिंग विधायक और 5 पूर्व विधायक शामिल हैं। सदन में बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी, कुंवर राजा नरेंद्र सिंह, धनीराम सिंह नेगी, मोहन सिंह रावत (गांववासी), किशन सिंह तगाड़ी और पूरनचंद्र शर्मा का निधन संदेश पढ़ा गया। सबसे पहले नेता सदन पुष्कर सिंह धामी ने निधन संदेश पढ़ा।

नेता सदन पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दुख का समय है कि एक साथ इतने दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देनी पढ़ रही है। धामी ने कहा कि बसपा विधायक सरवत करीम अंसारी से मेरे संबंध तब से थे जब मै विधायक भी नही था, उन के जाने से जो खाली पन हुआ है, उसे भरा नही जा सकता।

उन्के द्वारा मंगलौर विधानसभा में शुरू किये गये विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। सीएम ने मोहन सिंह रावत (गांववासी) को याद करते हुए कहा कि उन्का सारा जीवन सादगी में गुजरा, भाजपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे गांववासी ने 15 साल तक संध प्रचारक के रूप में कार्य किया। सीएम धामी ने दिवंगत कुंवर राजा नरेंद्र सिंह, धनीराम सिंह नेगी, किशन सिंह तगाड़ी व पूरनचंद्र शर्मा का भी स्मरण किया।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सभी दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि 2012 में सरवत करीम अंसारी के साथ काम करने का मौका मिला, वह सरल भाषा में गंभीर बात कहने का हुनर रखते थे। बसपा नेता मौहम्मद शहजाद ने कहा कि सरवत करीम सदन में मैरे पास वाली सीट पर ही बैठा करते थे, ऐसा लगता है कि वह अभी भी पास ही हैं।

पहले दिन की पूरी कार्रवाई निधन संदेश पर ही केंद्रित रही। निधन संदेश के दौरान संसदीय कार्य मंत्री, कैबिनेट मंत्री समेत तमाम विधानसभा सदस्यों ने अपनी संवेदनाओं को व्यक्त किया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने दिवंगत नेताओं से जुड़ी तमाम यादों को भी सदन में लोगों के सम्मुख रखा।

इसके अलावा संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, मदन कोशिक, गणेश जोशी, विनोद चमोली, अरविंद पाण्डे, सतपाल महाराज, प्रदीप बत्रा, बृज भूषण गेरोला, त्रिलोक सिंह चीमा ने भी सभी दिवंगत विधयकों के साथ अपने-अपने स्मरण साझा किये।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने भी सदन में दिवंगत विधायकों को याद करते हुए कहा कि सदन की और से दी गई श्रद्धांजलि और संवेदना को दिवंगतों के परिजनों तक पहुंचा दिया जाएगा, उसके बाद दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दी गई, फिर सदन कल तक के लिये स्थगित कर दिया गया।

हरिद्वार विधायक मदन कौशिक ने सदन के भीतर नेता सदन पुष्कर सिंह धामी से अनुरोध किया कि पूर्व विधायकों के निधन पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जानी चाहिए। मदन कौशिक ने ये बात कुंवर राजा सिंह के निधन के शोक पर बोलते हुए कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सीटिंग विधायक के निधन पर राजकीय सम्मान से विदाई दी जाती है। इस पर सीएम धामी ने कहा कि इसका जीओ देखा जायेगा।

विधानसभा सत्र को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि विपक्ष सदन के भीतर प्रदेश के तमाम ज्वलंत मुद्दों को उठाएंगं। इसमें मुख्य रूप से महंगाई, बेरोजगारी और प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों की तमाम मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा करने की जरूरत है। भुवन कापड़ी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड के पारित करने के सवाल पर कहा कि सदन के भीतर विपक्ष यूसीसी पर चर्चा होगी, लेकिन उससे पहले उन्हें यूसीसी के अध्ययन के लिए समय चाहिए। कापड़ी ने कहा कि विधानसभा सत्र के लिए बेहद कम समय रखा गया है।

पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि यह अच्छी बात है कि सदन के भीतर विपक्ष तमाम मुद्दों को उठाए। सत्ता पक्ष उसका सदन के भीतर बेहतर ढंग से जवाब देगा। विपक्ष की और से यूसीसी पर उठाए गए सवाल पर मदन कौशिक ने कहा कि प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करना भाजपा के घोषणा पत्र में है। इसके चलते सरकार इसे लागू कर रही है। अगर विपक्ष को कोई दिक्कत है, तो वह सदन के भीतर इस मुद्दे को उठाए ताकि उस पर विस्तृत रूप से चर्चा हो सके। साथ ही कहा कि विपक्ष के पास यूनिफॉर्म सिविल कोड के ड्राफ्ट का अध्ययन करने के लिए पर्याप्त समय है।