Home Uttarakhand Dehradun विपक्षी दल के सांसदों का निलंबन लोकतांत्रिक एवं निंदनीय : माहरा

विपक्षी दल के सांसदों का निलंबन लोकतांत्रिक एवं निंदनीय : माहरा

विपक्षी दल के सांसदों का निलंबन लोकतांत्रिक एवं निंदनीय : माहरा

करन माहरा।

देहरादून। Suspension of opposition party MPs is undemocratic प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने संसद में हुई सुरक्षा में चूक के मसले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग करने वाले कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 141 सांसदों के निलंबन को अलोकतांत्रिक बताते हुए सांसदों के निलंबन को तत्काल वापस लिये जाने की मांग की है।

लोकसभा एवं राज्यसभा में सांसदों के निलम्बन पर बयान जारी करते हुए श्री करन माहरा ने कहा कि अलोकतांत्रिक तरीके से विपक्षी दलों के 141 सांसदों के निलम्बन की कार्रवाई का उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस विरोध करते हुए इस कार्रवाई की घोर निन्दा करती है।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के सभी मानकों एवं मापदण्डों पर कुठाराघात करते हुए अलोकतांत्रिकता का परिचय देते हुए लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्षी दलों के उन सांसदों को, जो देश की जनता के हितों एवं सांसदों की रक्षा के लिए, उन्हें जनता ने जो कर्तव्य निर्वहन की जिम्मेदारी दी है, उसके अनुसार सरकार को चेताने का काम कर रहे थे, को संसद से निलंबित कर दिया गया है। यह भाजपा के फासीवादी एवं तानाशाही चरित्र का द्योतक है, जिसे लोकतंत्र में विश्वास रखने वाला कोई भी दल सहन नहीं करेगा।

करन माहरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सदैव लोकतंत्र में गहरी आस्था रही है और लोकतांत्रिक तरीके से संसद की कार्रवाई में विश्वास रखती है और आज देश में लोकतंत्र के जितने भी स्तम्भ हैं, उनकी स्थापना में महात्मा गांधी से लेकर आज तक कांग्रेस पार्टी का एक लंबा इतिहास रहा है। चुने हुए प्रतिनिधियों को उनके कर्तव्यों से च्युत करना लोकतंत्र के प्रति अपराध है।

असहमति के स्वरों को सुनना एवं स्वीकार करना स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान है तथा भारतीय संसद लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा का सर्वोच्च मंच है। संसद एवं देश की सुरक्षा की आवाज उठाने पर लोकसभा अध्यक्ष एवं राज्यसभा के उपसभापति द्वारा की गई यह कार्रवाई लोकतंत्र के लिए अच्छा संदेश नहीं है।

चुने हुए सांसदों को संसद से बाहर करने की यह घटना लोकतंत्र के इतिहास में काले अक्षरों में अंकित की जायेगी। उन्हांेंने कहा कि स्वस्थ लोकतांत्रिक परम्परा में असहमति को भी सुनना पड़ता है और जनता से जुडे हुए मुद्दों पर अगर लोकतंत्र के सर्वोच्च मन्दिर में चर्चा नहीं की जायेगी तो वे बतायें कि वे किस सदन में चर्चा करना चाहते हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा विपक्ष की आवाज दबाने के लिए कभी राहुल गांधी जी की संसद सदस्यता समाप्त करने के लिए ऐन-केन-प्रकारेण प्रयास करती है तो कभी निलम्बन के रूप में सांसदों को उनके कर्तव्य से विमुक्त करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि सदन में गतिरोध बढाने के लिए भाजपा ने मुख्य विपक्षी दल सहित अन्य विपक्षी दलों के सांसदों के साथ जिस प्रकार की कार्रवाई की है वह भाजपा के तानाशाही चेहरे को उजागर करती है। भारतीय जनता पार्टी के नेता विपक्ष के विचारों को सुनना नही चाहते हैं तथा विपक्ष की आवाज को हिटलरशाही रवैये से दबाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के लोकसभा एवं राज्यसभा सांसदों का निलंबन शीघ्र वापस लिया जाना चाहिए।