Through the new criminal justice laws a leak-proof judicial system will come into force and the criminal cases will be disposed of in three years.
नए आपराधिक न्याय कानूनों से देश में लीक-प्रूफ न्यायिक व्यवस्था स्थापित होगी और अब आपराधिक मामलों का निपटारा 3 साल के अंदर होगा। pic.twitter.com/fGvyVDPj91
— Amit Shah (@AmitShah) December 22, 2023
शाह के इस कदम से अब इंडियन पीनल कोड 1860 का नया नाम भारतीय न्याय संहिता 2023 होगा, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड 1898 का नया नाम भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 होगा और इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 का नाम भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 होगा।
बीते 9 वर्षों में यह देखा गया है कि मोदी जी के नेतृत्व और अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में भारतीय जनता पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो और वादे को बखूबी निभाया है। मोदी सरकार ने वादा किया था कि सरकार बनते ही धारा 370 और 35 ए को हटा दिया जाएगा। राष्ट्रवाद के प्रबल समर्थक और भारतीय राजनीति के चाणक्य शाह की सख़्त नीतियों के कारण आज धारा 370 और 35 ए हट चुकी है। नतीजतन कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा बन चुका है।
मोदी-शाह की जोड़ी ने एक तरफ जहाँ मुस्लिम महिलाओं के सम्मान में तीन तलाक को हटाने का वादा पूरा किया तो दूसरी ओर लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देकर देश की मातृ-शक्ति को सम्मान देने का काम भी किया है।
आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति लाने का अपना वादा भी भाजपा ने पूरा किया है। इसके कारण तीन हॉट स्पॉट दृ जम्मू.कश्मीर, वामपंथी उग्रवादी क्षेत्र और नॉर्थ ईस्ट-में आतंकी घटनाओं में 65 प्रतिशत की कमी आई है और मृत्यु में 73 प्रतिशत की कमी आई है। पूर्वोत्तर से 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्रों से अफस्पा को हटा लिया गया है।