Home Uttarakhand Uttarkashi जंगलों से जान बचाकर शहरी इलाकों में आ रहे जानवर

जंगलों से जान बचाकर शहरी इलाकों में आ रहे जानवर

जंगलों से जान बचाकर शहरी इलाकों में आ रहे जानवर

जंगलों में लगी आग से बचने के लिए शहर की ओर आया जंगली हिरन

रुद्रप्रयाग। वन प्रभाग रुद्रप्रयाग के जंगल लम्बे समय से धूं-धूंकर जल रहे हैं। जंगलों में आग लगाये जाने से वन्य जीव जंतु भी खासे परेशान हैं, जिस कारण वे जंगलों से भागकर शहरी इलाकों में आकर अपनी जान बचा रहे हैं। जंगलों में लग रही आग से चारों ओर धुंआ ही धुंआ नजर आ रहा है और लाखों की वन सम्पदा जलकर राख हो गई है। हालांकि वन महकमा आग बुझाने के प्रयास में जुटा हुआ है।

बता दें कि लम्बे समय से जिले में बारिश नहीं हुई है, जबकि जंगलों में आग लगाये जाने से गर्मी की तपिश बढ़ती जा रही है। जंगलों में लगाई जा रही आग के कारण वन्य जीव जंतु भी खासे परेशान है और अपनी जान बचाने के लिए शहरी इलाकों की ओर रूख कर रहे हैं।

प्रसिद्ध पर्यावरणविद जंगत सिंह जंगली ने कहा कि जंगलों में आग लगाई जा रही है। कुछ शरारती तत्व जंगलों में आग लगाकर लाखों की वन सम्पदा को नुकसान पहुंचाने में लगे हैं, जबकि इनकी हरकतों से वन्य जीवों को भी नुकसान पहुंच रहा है। जंगली जानवर अपनी जान बचाकर शहरी इलाकों में आ रहे हैं।

जंगलों में लगी आग जहां एक तरफ वायुमंडल के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रही है, वहीं इंसानों के स्वास्थ्य के लिए इसका धुआं बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। वरिष्ठ सर्जन डॉ आनंद सिंह बोंहरा ने बताया कि जंगलों की आग से निकलने वाले धुएं से सांस की खतरनाक बीमारी, कैंसर समेत कई घातक बीमारियां हो सकती हैं। बुजुर्गों के लिए जंगलों का धुआं बेहद खतरनाक है, लिहाजा इससे बचाव किया जाना चाहिए।

विकासखंड अगस्त्यमुनि के धारकोट के जंगलों से लगी आग ने ऐसा विकराल रूप धारण किया है। निर्वाली और भटवाड़ी के जंगल भी इसकी चपेट में आ गए हैं, जंगलों में लगी आग के कारण नमामि गंगे योजना के तहत लगाए गए दो दर्जन औषधीय एवं फलदार पौधों भी जलकर नष्ट हो गए हैं, जबकि जंगल को बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंचा है। स्कूल से लौट रहे शिक्षक सत्येन्द्र भंडारी ने जंगलों में लगी आग को देखा तो उन्होंने वन विभाग को सूचना दी, साथ ही वो आग को बुझाने में जुट गए।