Home Uttarakhand Dehradun ‘पंचायत’ की गद्दी पर शहर जैसी सियासत

‘पंचायत’ की गद्दी पर शहर जैसी सियासत

‘पंचायत’ की गद्दी पर शहर जैसी सियासत

मौहम्मद शाह नज़र

देहरादून। उत्तराखंड के 12 जनपदों में जिला पंचायत चुनाव की सरगर्मी थमी नहीं कि अब अध्यक्षों और ब्लॉक प्रमुखों की जंग ने सियासी पारा और बढ़ा दिया है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपनी-अपनी बिसात बिछा दी है। मुकाबला सिर्फ भाजपा और कांग्रेस का नहीं, बल्कि रणनीतियों, समीकरणों और निर्दलियों को साधने का है।

कांग्रेस, भाजपा पर सत्ता के रसूख और संसाधनों के दम पर नव निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों की खरीद-फरोख्त करने का आरोप लगा रही है। वहीं भाजपा का दावा है कि बड़ी संख्या में नवनिर्वाचित सदस्य उनके साथ आने को तैयार हैं, जिससे सत्ता पक्ष का पलड़ा और भारी होगा।

पंचायत चुनाव में भाजपा ने आधिकारिक तौर पर 122 सीटें जीती हैं, जबकि कांग्रेस ने 80 सीटों पर जीत दर्ज की है। हालांकि, दोनों ही पार्टियां निर्दलियों को अपने पाले में बताकर अपनी संख्या को लगभग दोगुना बता रही हैं। भाजपा का कहना है कि उनके पास 216 सदस्य हैं, जबकि कांग्रेस का दावा है कि उनके पास 160 समर्थक हैं। जिप अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पदों के लिए नामांकन आज से शुरू हो रहे हैं। मतदान और मतगणना दोनों ही 14 अगस्त को होंगी।

देहरादून। कई नव निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधि, जिनके क्षेत्र हालिया आपदा से प्रभावित हैं, जनता के बीच रहने की बजाय अपने ‘भविष्य की राजनीति’ के लिए नेपाल और अन्य अज्ञात स्थानों पर सैर-सपाटे में लगे हैं। सोशल मीडिया पर इनके मजे करते वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जो जनता के बीच नाराजगी का कारण बने हैं।

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख पदों के लिए आरक्षण निर्धारण पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने राजनीतिक लाभ के लिए आरक्षण में ‘सियासी इंजीनियरिंग’ की है। यह मामला अब हाईकोर्ट में विचाराधीन है और किसी भी वक्त बड़ा फैसला आ सकता है।

भाजपा ने अपने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख पदों के प्रत्याशियों की सूची पहले ही जारी कर दी है, ताकि प्रचार और समीकरण साधने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान के मुताबिक, सभी प्रमुख पदों के लिए उम्मीदवार तय कर दिए गए हैं। इसके उलट, कांग्रेस ने आखिरी वक्त तक अपने पत्ते न खोलने की रणनीति अपनाई है। पार्टी का मानना है कि इससे भाजपा को पाला बदलवाने के मौके कम मिलेंगे। हालांकि कांग्रेस ने देर रात 4 जिला पंचायत और 8 ब्लॉक प्रमुख उम्मीदवार घोषित कर दिये है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुनाव के नतीजे 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले ग्रामीण राजनीति की दिशा तय कर सकते हैं। गांव की इस गद्दी पर बैठने वाले नेता आने वाले वर्षों में राज्य की सत्ता के समीकरण बदलने की क्षमता रखते हैं।